NEELAM GUPTA

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स्पेशल वैलेंटाइन डे

पत्नी...सुनो आज वैलेंटाइन डे है ,बताओ जल्दी बताओ मुझे क्या गिफ्ट दे रहे हैं।

पति...ये सब चोंचले है पतियो को लुटने के लिए है।हमारे मां बाबू जी क्या प्यार नही करते थे, क्या कभी उन्हे अपने प्यार का प्रूफ देना पड़ा था ।

पत्नी…तुम तो मुझे ये सब बाते कहकर हमेशा टालते रहते हो । लोग आजकल चादँ सितारों पर जा पहुंचे है ,और तुम धरती से हिलना भी नहीं चाहते। और जहां खर्चे की बात हो वहां तो बिल्कुल ही ना नुकर कर देते हो। और जाकर दस कदम पीछे खड़े हो जाते हो ,और हमेशा मुझे बहला देते हो। लेकिन आज तुम्हारी कुछ ना सुनुगी। मुझे भी मेरा वैलेंटाइन बनाना है ।यदि तुम मुझसे प्यार करते हो तो मुझे इसका प्रूफ चाहिए। पत्नी ने मुहं फेरते हुए कहा।

पति...ओहो जानेमन आज तो तुम बिल्कुल पीछे ही पड़ गई हो ।कभी करवा चौथ कभी मैरिज एनिवर्सरी, कभी तुम्हारा बर्थडे है ।मैं तो हर ओकेजन में ही लूट कर बैठा हुआ हूं। जब देखो कोई ना कोई स्पेशल दिन रहता है ।और कितना प्यार का उपहार दूँ । तुम हर दिवस पर मुझसे मुंह फुला कर बैठ जाती हो ।और यह वैलेंटाइन पैलेंटाइन क्या है। मैं इसे नहीं मानता यह तो हमारे देश की संस्कृति भी नहीं है। हमारे यहां तो बसंत का पूरा महीना ही प्रेम दिवस के रूप में मनाया जाता है। तू तो पगली है जो एक दिन को ही प्रेम का दिन मान रही है।

पत्नी... अच्छा तो पूरे महीने तुम मुझे गिफ्ट ला कर दोगे ।ऐसी ही मीठी-मीठी बातों से मुझे फुसला देते हो। माना प्रभु से प्रेम का ही पूरा महीना है ।चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होती है। मनुष्य स्वयं ही प्रफुल्लित रहता है। लेकिन इसमें भी तुम्हारी भागदौड़ रहती है ।कुछ पल दो पल के सुकून के तुम कभी मेरे साथ बिताते हो।

जब अपने दोस्तों संग पार्टिया सार्टिया करते हो तो, अपने सारे संस्कार गायब हो जाते है। लेकिन जब मैं कुछ करने को कहती हुँ ।तो फौरन भारतीय रंग मे रंग जाते हो।जैसे तुम ही मुझे दुश्मन मानकर भारत को पाश्चात्य संस्कृतिक से बचाना चाहता हो।

कुछेक दिन तो होते है जब पत्नियां पतियों की जेब ढीली करा सकती है ।नहीं तो वैसै तो चुपचाप बचकर निकल जाते हो।तुम्हे मनाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है ।तुम्हारी पंसद के तरह तरह की पकवान बनाओ।उस दिन जरा भी इन्हे गुस्सा न आए ये भी ध्यान करना पड़ता है।
उस दिन पूरे प्यार से तुम्हें देखते रहते हैं। कि कुछ तो निकलेगा जेब से लेकिन आखिरी में वही ;ढाक के तीन पात हाथ खाली की खाली ।जैसे जाते हैं वैसे ही आ जाते हैं ।और हम पूरे दिन आस लगाए रहते हैं। शायद आज तो इन्हे हम पर दया आ जाए और हमारे लिए कुछ ले आए कभी तो प्रेम की झूठा दिखावा ही कर दें ।लेकिन कर तो दे।

पति…अरे यह तो सब दिखावे की चीजें हैं ।तुम बिल्कुल सही कहती हो, यह आजकल के लड़के लड़कियां फालतू में ही इन सब चीजों को ढकोसला करते हैं और झूठा प्यार एक दूसरे को जताते हैं। जब सच्चा प्यार होकर शादी के बंधन में बंध जाते हैं ,तो सारा वैलेंटाइन इनका निकल जाता है।

पत्नी...हां हां तुम तो ऐसे ही कहोगे, क्योंकि जब हमारी शादी हुई थी ।तो यह वैलेंटाइन डे था ही नहीं ।और जब ये है, तो सच्चे प्यार की पहचान करने के लिए ,यदि एक तोहफा देना पड़ जाए तो कौन सी आफत आ जाएगी।

पति.. एक तोहफा यह तो पूरा हफ्ता आदमी को हिला कर रख देता है। कभी टेडी डे कभी चॉकलेट डे कभी प्रॉमिस डे। इसमे भी हमसे क्या क्या प्रॉमिस करवा ले। पता नहीं क्या-क्या मांग ले, यह भी कोई डे है ।
और हग डे, हग डे तो मैं तुझे वैसे ही कितना भी कर देता हूं ,उसे तो जरूरत ही नहीं पड़ती। रही गुलाब की बात तो तुम तो वैसे ही गुलाब हो तुम्हें क्या जरूरत है गुलाब की। गुलाब के आगे ये फीका गुलाब भी शर्मा जाए तो क्या फायदा, ऐसे गुलाब का ।तो हो गया तुम्हारा लो रोज डे भी।
और इतना तुम्हें घुमा कर ले कर आता हूं ।उसका तो कभी कुछ नहीं कहती ,बस एक ही वैलेंटाइन डे याद आ जाता है ।

पत्नी….घुमाने कहां गंगा जी के घाट पर। बस वही जगह बची है ।कभी सोचा नहीं कि चलो गोवा भी ले जाऊं। अभी से ही मुझे बुढा बना दिया है।

पति...अरे शुरू से ही पुण्य कर्म करती चलोगी तभी तो इसका फल मिलेगा ।नहीं तो जैसे तुम्हारे कारनामे है ।उससे तो तुम्हारा उद्धार होने से रहा।

पत्नी….तुम तो हो ना मेरा उद्धार करने के लिए फिर मुझे क्या जरूरत है ।इन धर्म कर्म पूजा पाठ के वैसे ही तुम्हारी पूजा करती रहती हूं ,तुम ही मेरे पति परमेश्वर बने रहते हो। और इससे ज्यादा क्या मुझे धर्म की जरूरत है।

पति...हे भगवान आज कैसे तू मेरा पीछा छोड़ेंगी।

पत्नी...छोड़ दूंगी पीछा बस एक वादा कर दो आज मेरे लिए कुछ स्पेशल कर दो।

पति...चांद की सैर करा दूं क्या ।कह तो ऐसे रही हो जैसे सब कुछ इतनी आसानी से हो जाता है।

पत्नी...हां चांद को दूर से तो देखती रहती हूं।उसी की सैर करा दो ।क्या पता वहीं रहने का हमारा इच्छा पूरी हो जाए। वैसे भी अभी कुछ दिनों पहले ही तो मिस्टर धर्मेंद्र अनेजा जी ने अपनी पत्नी की आठवीं सालगिरह पर उन्हें चांद पर 3 एकड़ जमीन गिफ्ट की है। उन्हीं से कुछ सीख लो कैसे अपनी पत्नी को प्यार जताते हैं।

पति...झूठा कागज दिखाकर यदि प्यार जतलाना ही प्यार है। तो ले अभी साइन कर देता हूं ।तेरे चांद के लिए यदि उस पर तू घर बनाकर रह कर दिखा दे। तो मैं अभी तेरे लिए चांद पर जमीन खरीद देता हूं।यह कौन सी बड़ी बात है।

पत्नी...यह बड़ी-बड़ी बातें रहने दो। मुझे जमीन पर ही कुछ कर दो तो मैं कुछ नहीं बोलूंगी ।नहीं चाहिए मुझे अपने चांद , मेरे लिए तो तुम ही काफी हो।तुम्हारे सिर पर बनाए हुए चांद को देखकर ही मैं खुश रह लेती हूं। इस पर ही मैं अपना हक जताती हूं। आखिर ये चांद जमी पर तो है।

पति...चल इतना ही हक जताती है तो बोल तुझे क्या चाहिए ।

पत्नी...जो तुम्हारी मर्जी वह ले आना।

पति...ठीक है शाम को तैयार हो जाना मैंने तुम्हारे लिए पहले ही सरप्राइस गिफ्ट रखा है। अलमारी में एक साड़ी रखी है। उसको पहन कर तैयार हो जाना। चल मेरी वैलेंटाइन , तू भी क्या याद रखेगी, गोवा तो नहीं, तुझे बाहर डिनर करा कर लाता हूं।

यही है बस यही है... हमारी भारतीय जोडियों का प्यार ,असली प्यार, पति पत्नी का प्यार, जो रोज की बहस बाजी में भी प्यार झलकता है ।ऐसा प्यार एक दूसरे की परवाह में है। जन्मो जन्मो का साथ और जन्मो जन्मों का प्यार। प्रत्येक जोड़ी को हैप्पी वैलेंटाइन डे 💓💓🌹🌹🌹🌹


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6 Comments

Ekta shrivastava

15-Feb-2022 09:30 AM

Nice

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Anju Dixit

14-Feb-2022 09:34 PM

वाह वाह

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Seema Priyadarshini sahay

14-Feb-2022 09:13 PM

हैप्पी वेलैंटाइन डे मैम

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NEELAM GUPTA

14-Feb-2022 09:32 PM

आपको भी 🙏🙏😁

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